मीडिया के सामने खाने की थाली लेकर एक कांस्टेबिल आया और उसने खराब खाने के बावत बताया कि इतना बुरा खाना है कि इसे कुत्ते भी नहीं खाऐंगें। उसका यह दुखडा सुनकर मीडिया के साथ सभी आश्चर्यचकित दिखाई दे रहे थे। उसने कहा कि जब खाने की शिकायत की तब उसे बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है।
यह मामला यूपी के जनपद फिरोजाबाद का है। यहां का कांस्टेबिल मनोज कुमार जिला कोर्ट में तैनात है। उसका कहना है कि खाना बेहद ही खराब स्तर का दिया जाता है। यही कारण है कि अपनी बात कहने के लिए सिपाही बोला मैं इस खाने की थाली लेकर आया हूं। मुख्यमंत्री ने पुलिस के जवानों के लिए पौष्टिक भोजन मिलने के लिए भत्ता बढाया है लेकिन पुलिस को जो खाना मिल रहा है उसकी क्वालिटी बेहद खराब है।
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जब भी इस खाने की बात का विरोध किया जाता है तब उसे बर्खास्त करने की धमकी दी जाती है। मनोज कुमार ने मीडिया को बताया कि जब कप्तान साहब यहां से गुजरे तब उन्हें भी यह खाना दिखाया व सिपाही बोला कि इस थाली की पांच रोटी आप खा लीजिए। अचार खा लीजिए। कम से कम आपको पता तो चले कि आपके सिपाही को 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद कितना बुरा खाना मिलता है। क्या आपके बेटा बेटी इस खाने को खा सकते हैं। मैं सुबह से भूखा हूं अपनी समस्या किससे कहूं। लेकिन कप्तान साहब ने आज तक कोई कारवाई नहीं की और नाही खाने की क्वालिटी में कोई सुधार हुआ। उसने कहा कि पुलिस लाइन की मेस में बहुत ही निम्न स्तर का खाना दिया जाता है। रोटी जली हुई या कच्ची मिलती है जबकि दाल के नाम पर सिर्फ पानी दिया जाता है।
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किसी से भी शिकायत करने पर कोई कोरवाई नहीं होती है। जब कांस्टेबिल मनोज की शिकायत पर कोई गौर नहीं हुआ तब उसने स्वयं ही खाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल कर वायरल कर दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि खाने की क्वालिटी की बावत सीओ सिटी मामले की जांच करेंगे। जबकि मनोज के साथी कांस्टेबिल उसे मीडिया के सामने से जबरन खींच कर ले गए। इस मामले पर फिरोजाबाद पुलिस का ट्वीट भी आया है कि कांस्टेबिल मनोज के खिलाफ अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी और लापरवाही के लिए कई बार कारवाई की जा चुकी है। यहंा महत्वपूर्ण बात यह है कि मनोज का खाने के लिए विरोध करना क्या कोई अनुशासन हीनता है।
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