आंवला को जिला बनाने की कवायद तेज हो गई है। योगी सरकार मे केबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रेस कांप्रेंस के दौरान यह बात कही। जिसके बाद जिला बनने की चर्चाएंे तेज हो गई हैं।
प्रेस कांप्रेंस के दौरान केबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सरकार बनने से पहले मैंने सरकार से आंवला को जिला बनाने का प्रस्ताव दिया था। जिस पर मुख्यमंत्री ने भी सहमति दे दी थी। एबीपी न्यूज की खकर पर विश्वास करें तो उन्होंने कहा कि आंवला को जिला बनाने की लम्बे समय से मांग चल रही है। जिसके लिए उन्होंने दोबारा से प्रयास शुरू कर दिए हैं सब कुछ सही रहा तो इस बार आंवला प्रदेश का एक और जिला बढ सकता है।
यहां बता दें कि आंवला ऐतिहासिक दृष्टि से भी बरेल जिले की बहुत महत्वपूर्ण तहसील है। यहंा के ब्लाक मुख्यालय रामनगर में जैन धर्म का बहुत बडा तीर्थ स्थल है। जैन धर्म के भगवान पाश्र्वनाथ का मंदिर रामनगर में ही है। मान्यता है कि भागवान पाशर्वनाथ ने यहां तपस्या कार ज्ञान प्राप्त किया था।
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इसके साथ ही महाभारत के समय के लिए भी रामनगर का विशेष स्थान है। यहंा एक किला भी बना हुआ है जिस पर रखे एक पत्थर की शिला को भीम की गदा कहा जाता है। बताया जाता है कि यहां पांडवों ने अपना वनवास भी काटा था। आंवला में इफको खाद की बडी फैक्ट्री होने के साथ ही तेल का बडा डिपो है।
कैसे बनेगा नया जिला
यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि शासन ने जिला बनाने के प्रस्ताव पर रिपोर्ट मांगी गई थी। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। जब धर्मपाल सिंह से पूंछा गया कि किन क्षेत्रों को मिलाकर जिला बनाया जाएगा तब उन्होंने बताया कि आंवला तहसील के साथ ही रामपुर जिले की शाहबाद तहसील, बदायूं जिले की दातागंज व बिसौली तहसील को आंवला जिले में शामिल किया जाएगा। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि आंवला लोक सभा क्षेत्र होने के साथ ही भाजपा के संगठनात्मक दृष्टि से पहले से ही जिला बना हुआ है। आंवला का भाजपा का अलग से जिलाध्यक्ष होता है।
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