कारोबारी आसिम हुसैन को छेडछाड के मामले में मिली तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है। जबकि आसिम की ओर से दर्ज मुकदमे से धार्मिक आस्था भडकाने व लूट की धाराओं को हटा दिया है।
यहां बता दें कि मुरादाबाद के कारोबारी आसिम हुसैन ने एक मारपीट का वीडियो वायरल करते हुए आरोप लगाया था। कि कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगवाए थे। नारे नहीं लगाने पर नंगा करके पीटा था। इस पिटाई का वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके बाद जीआरपी बरेली ने आरोपियों को गिरफ्तार कर शांति भंग की धाराओं में चालान कर दिया था। इसके बाद कारोबारी ने आरोप लगाया था कि कारोबारी को जय श्रीराम के नारे नहीं लगाने पर नंगा कर पीटा गया था, इसके साथ ही आरोप लगाया गया था कि उसके साथ लूट भी हुई थी।
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जीआरपी पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तब पता लगा कि आसिम हुसैन ने अपने भाई के साथ यात्रा कर रही एक युवती के साथ छेडछाड की थी। जब वह नहीं माना तब भीड ने उसकी पिटाई कर दी थी। धार्मिक नारे लगवाने व लूट पाट की बात झूठी निकली थी। इसके बाद पुलिस ने लूट व धार्मिक भावनाऐं भडकाने की धाराऐं हटा दीं। इधर पुलिस जब जांच की तक छेडछाड की पीडिता सामने आ गई। पीडिता ने आरोपी के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। पीडिता का कहना है कि पहले आरोपी ने यह कहकर बैठाया कि बेटा यहां बैठ जाओ। इसके बाद गलत तरीके से छूना शुरू कर दिया। विरोध करने पर भी आरोपी नहीं माना तब दोनों भाई बहन रोने लगे थे। इसके बाद कोच में मौजूद लोगों ने आरोपी की पिटाई कर दी। जिसका वीडियो भी किसी ने बना लिया था। वीडियो वायरल होने व आसिम हुसैन द्वारा आरोप लगाने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर कारवाई शुरू की थी। इस मामले में पुलिस ने पीडिता के धारा 164 सीआरपीसी के बयान भी दर्ज कराए हैं।
इधर सपा सांसद शफीकुर्ररहमान वर्क ने कहा कि भाजपा सरकार में मुसलमान अपनी आपत्ति करने के लायक भी नहीं है। ट्रेन में मुस्लिम युवक की पिटाई ये कौम के लिए चैलेंज है। कौम में इतनी ताकत भी नहीं रही िकवह अपनी पिटाई का बदला भी ले सके। मुसलमानों को पकडकर जबरन जय श्रीराम बुलवाया जा रहा है यह कहां की इंसानियत है।
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