गायों के समस्या को लेकर एक अधिवक्ता इतने संवेदनशील हैं कि उनकी समस्या के समाधान के लिए आमरण अनशन तक के लिए तैयार हैं और उन्होंने इसके लिए 9 मई की तिथि तय कर जिलाधिकारी को पत्र भेजा है।
यूपी के बदायूं जिले की तहसील बिसौली के गांव सीकरी निवासी अधिवक्ता प्रदीप उपाध्याय गांव में घुमंतु गायों की दुर्दशा से बेहद परेशान हैं। जब गायों की दुर्दशा देखी तब अधिवक्ता प्रदीप उपाध्याय ने गौशाला बनवाने का प्रयास किया लेकिन गौशाला निर्माण नहीं हो पा रहा था। इससे परेशान होकर अधिवक्ता प्रदीप उपाध्याय ने अनशन शुरू कर दिया दो दिन अनशन के बाद तत्कालीन विधायक कुशाग्र सागर ने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदीप उपाध्याय का जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया व गौशाला बनाने का आश्वासन दिया। इसके बाद गांव सीकरी में गौशाला तो बन गई लेकिन गायों के खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। इधर गौशाला बनने से कई लोग जिनका इस जमीन पर अवैध कब्जा था वह नाराज होकर रंजिश मान रहे हैं। अब गायों को चारे की सबसे बडी समस्या सामने है। इसका समाधान देते हुए प्रदीप उपाध्याय ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बताया कि गांव सभा की चरागाह की दो सौ वीघा से अधिक भूमि है जिस पर गांव के कई लोगों का अवैध कब्जा है। इस भूमि को गांव के दबंगों के अवैध कब्जे से मुक्त कराकर अगर गांव सभा इस भूमि पर खेती करे तो गायों को चारा आसानी से मिल सकता है लेकिन कर्मचारियों के गलत रिपोर्टिंग के कारण जमीन कब्जा मुक्त नहीं हो सकी है। इस भूमि पर इस समय अवैध कब्जा धारकों की गेंहूं की फसल खडी है। उपाध्याय का सुझाव है कि इस फसल से प्राप्त भूसा ही ले लिया जाए ताकि गायों को चारे की व्यवस्था हो सके। लेकिन गांव के कर्मचारियों लेखपाल, व सचिव की मनमानी के कारण यह भी संभव नहीं हो पा रहा है। जब प्रदीप उपाध्याय की समस्या का समाधान नहीं हो पाया तब उन्होंने भूख हडताल की चेतावनी देते हुए जिलाधिकारी समेत जिले के सभी अधिकारियों को पत्र भेजा है। अगर 9 मई तक ग्राम समाज की भूमि अवैध कब्जाधारकों से लेकर कब्जा मुक्त नहीं कराई गई तब वह भूख हडताल पर रहेंगे। पूंछने पर बताया कि जब तक उनकी मांगें नही मांगी जाऐंगी तब तक व भूख हडताल पर रहेंगे चाहे उनकी जान की क्यों ना चली जाए।
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