बिसौली में एक दरोगा ने जब मकान खाली कराने की धमकी दी तब परेशान हाल पीडिता ने कानूनी नोटिस भेजा है, साथ ही पीडिता का कहना है कि यदि दरोगा का हस्तक्षेप बंद नहीं हुआ तब वह मामले को उच्च न्यायालय ले जाने को मजबूर होगी।
यहां बता दें कि मामला बिसौली कोतवाली क्षेत्र के गांव सिचैली का है। यहां की पीडिता राजवती ने बताया कि वह बहुत ही कम उम्र में लगभग 35 साल पहले विधवा हो गई थी। इसके बाद पीडिता के पिता उसे उसके मायके में बुलाकर ले आए। पीडिता के पिता ने उसे अपने खेत का कुछ हिस्सा दे दिया जिसमें वह 35 साल से मकान बना कर रह रही है। पीडिता का एक भाई शेरसिंह जो कि गैर शादी शुदा है वह कुछ असामाजिक तत्वों के संपर्क में आ गया है अब वह पीडिता के मकान पर अवैध कब्जा कर उसे बेचना चाहता है। पीडिता ने भाई व गांव के लोगों को काफी समझाया लेकिन वह मानने को सहमत नहीं हुआ।
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इसके बाद पीडिता ने एक मूलवाद सं 456/2023 राजवती बनाम शेरसिंह सिविल जज जू0डि0 बिसौली के न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया जो कि विचाराधीन है। पीडिता का आरोप है कि शेरसिंह ने अब क्षेत्र के दरोगा किशनलाल, कास्टेबिल अक्षय कुमार व कांस्टेबिल मतलूम अली से सांठ गांठ कर ली है। अब वह पीडिता को धमकी दे रहे हैं कि मकान जल्दी से खाली करके अपना सामान निकाल ले वरना तुझे व तेरे बेटों को ऐसी धाराओं में फंसाऐंगे कि सामान निकालने का भी मौका नहीं मिलेगा। मकान के साथ साथ घर में रखा सामान भी जाएगा। इससे परेशान हाल पीडिता ने अपने अधिवक्ता पंकज शर्मा ऐडवोकेट के माध्यम से नोटिस भेजकर कहा है कि किसी भी दीवानी मामले में पुलिस को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। न्यायालय में मामला विचाराधीन रहते हुए भी यदि पुलिस के इन दरोगा व सिपाहियों ने उसे परेशान करना बंद नहीं किया तब वह माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद जाने को मजबूर होगी। पीडिता ने प्रभारी निरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी आवश्यक पक्षकार होने के कारण नोटिस उनको भी भेजा है।