बिजली विभाग के एक नेता ने कहा कि 132 केवी से 22 घंटे बिजली देने की रिपोर्ट भेजी जा रही जबकि केवल दो से तीन घंटे बिजली मिल रही है। इस वजह से ज्यादा विवाद हो रहे हैं।
बिसौली सपा विधायक आशुतोष मौर्य से विवाद के बाद बिजली विभाग के कर्मचारी अपनी समस्या को लेकर मुखर हो गए हैं। उनका कहना है कि गलत जानकारी की वजह से भी समस्याऐं पैदा हो रही हैं। संविदा कर्मियों के नेता दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि सरकार भी 16 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है। जबकि 132 केवी के अधिकारी व कर्मचारी भी सरकार को 16 घंटे बिजली भेजने की बात कर रहे हैं।
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लेकिन बिजली घरों को बिजली लगभग दो से तीन घंटे ही मिल पा रही है जिससे सभी परेशान हो रहे हैं। यही कारण है कि बिजली कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटनाऐं हो रही हैं। मुकारकपुर, खितौरा, सहसवान, और कादरचैक में हुई घटनाऐं इसी झूंठ का परिणाम है। इस समस्या को बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों ने शुक्रवार को पूरे दिन बिजली घर के बाहर धरना प्रदर्शन किया था। उनका कहना है कि हमारे साथ बिना गलती के मारपीट की जा रही है।
इस पूरी घटना के बाद संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने अपना एक मांग पत्र भी रखा है। कर्मचारियों का कहना है हम रोस्टर के अनुसार बिजली दे रहे हैं इसके बावजूद भी लोकल फाल्ट के कारण बिजली देने में समस्या आ रही है। इसलिए इसे सुधरा जाना आवश्यक है।
इधर विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार का कहना है कि बिसौली की घटना बेहद ही दुखद है, कर्मचारियों की मांगों पर विचार कर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बात करेंगे।
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