चंदौसी कोल्ड स्टोर हादसे के दोनों मालिकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कोल्ड स्टोर में बर्बाद आलू की कीमत भी मालिकान से वसूली जाएगी। जबकि मृतकों के परिवारों को पांच पांच लाख रू उनके खातों में भेज दिए गए हैं।
यहां बता दें कि चंदौसी कोल्डस्टोर में हुए हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद कोल्डस्टोर मालिकान पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद पुलिस ने शनिवार को दोनों मालिकान आरोपियों रोहित अग्रवाल व अंकुर अग्रवाल को सिम्स कालेज के सामने से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से न्यायालय ने दोनों को जेल भेज दिया। इस मामले में मृत हुए पल्लेदार रोहिताश के पिता भूरे ने दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में प्रशासन किसानों के बरबाद हुए आलू की भी वसूली करेगा।
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इस मामले में प्रशासन का कहना है कि संचालकों की मनमानी से ही किसानों के आलू का नुकसान हुआ है। अब इस मामले में गडबडी ही गडबडी दिखाई दे रही है। इस एआर कोल्ड स्टोर के नए चेंबर को सही तरीके से नहीं बनाया गया था। इसके लिए तीन दीवारें बनाई गईं थीं। इस चेंबर के भंडारण की अनुमति भी नहीं ली गई थी। यहां कई अधिकारियों की भी गर्दन फंसने की संभावना है। अधिकारियों को कोल्डस्टोर का समय समय पर निरीक्षण करने का निर्देश होता है। यहां महत्वपूर्ण यह है कि या तो कोल्ड स्टोर का निरीक्षण नहीं किया गया। या फिर अधिकारियों ने जान बूझकर अनदेखी की। सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों से कोल्डस्टोर स्वामियों की सामान्यतया आर्थिक सांठगांठ रहती है। इस कारण से यह अधिकारी चंदौसी कोल्ड स्टोर हादसे कोल्डस्टोर स्वामियों की मनमानी को बर्दाश्त करते रहते हैं। इसी कारण क्षमता से बहुत अधिक भंडारण हो रहा है। इसी कोल्ड स्टोर के पुराने भवन में भी भंडारण क्षमता से अधिक भंडारण हुआ है। इस भाग की भंडारण क्षमता 5429 मीट्रिक टन है जबकि इसमें 5430 मीट्रिक टन आलू भंडारित किया गया है।
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