रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के भाई व एमएलसी प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह को फर्जी पते पर लाइसेस लेने के मामले में अदालत ने सात साल की सजा दी है। इस मामले में मंगलवार को अदालत ने अक्षय प्रताप सिंह को दोषी ठहराया था।
यहां बता दें कि रधुराज प्रताप सिंह के भाई व एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने फर्जी पते पर एक शस्त्र लाईसंेस लिया था। जिसके संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा 6 सितंबर 1997 में दर्ज किया गया था। इस मामले की शिकायत की गई थी तब तत्कालीन कोतवाल डीपी शुक्ला ने अपने जांच में पाया कि अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी के शस्त्र लाईसेस पर पता बस अड्डा नगर कोतवाली प्रतापगढ लिखा हुआ है जबकि इनका वास्तिविक पता जामो, सुल्तानपुर और हाल मुमाम बेंती थाना हथिंगंवा है। इसके बाद इस मामले में धारा 420, 467,468, 471 आईपीसी के अंतर्गत आरोप पत्र एमपीएमएलए कोर्ट में दाखिल किया गया। इसके बाद से मामला न्यायालय में विचाराधीन था।
इसमें मंगलवार को न्यायालय ने दोषी करार दिया था। दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया। आज 23 मार्च को अदालत ने अक्षय प्रताप ंिसह को सात साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को भी शस्त्र लाइसेंसे जारी करने वाले पुलिस अधिकारियों और राजस्व अधिकारियों के खिलाफ भी कारवाई करने का आदेश दिया है। अक्षय प्रताप सिंह पर यह फैसला ऐसे समय में आया है जब एमएलसी चुनाव में अक्षय प्रताप सिंह प्रत्याशी हैं। उनका ऐसे समय मेें उनको सजा होना बेहद ही झटका देने वाला है। कोर्ट के इस आदेश की सूचना मिलते ही उनके राजनैतिक दल जनसत्ता दल को बडा झटका लगा है।
यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि अब वह चुनाव लडने के लिए योग्य नहीं रह गए हैं। यहां बता दें कि अब अक्षय प्रताप ंिसह को अगर सात वर्ष की सजा हो गई है अगर यह सजा दो साल से कम होती तब वह चुनाव लडने के योग्य रहते। वैसे सेफ जोन खेलते हुए अक्षय प्रताप सिंह ने अपनी पत्नी का भी नामांकन कराया है अब वह चुनाव लडेंगी।
राजा भैया के भाई एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” को सात साल की सजा
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