अभी चुनाव को बीते दो तीन दिन ही हुए हैं लेकिन सपा गठबंधन में दरार शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सबसे वरिष्ठ 91 वर्षीय सांसद शफीकुर्ररहमान बर्क ने हार का ठीकरा जाटों के सिर फोडा है उनका कहना है कि जाटों ने सपा गठबंधन को वोट नहीं किया वरना पश्चिमी यूपी की तस्वीर कुछ और होती। जबकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ईवीएम को विलेन बताया है।
संभल से सपा सांसद ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन की हार का प्रमुख कारण जाटों का गठबंधन को वोट नहीं करना बताया है। उन्होंने यह वक्तव्य लोकसभा के बजट सत्र के बाद दिल्ली में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए दिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने रालोद को 36 सीटें दी थीं लेकिन उनके केवल आठ प्रत्याशी ही जीत कर आ पाए हैं। उनका कहना है कि जाटों ने अपने नेता व पार्टी रालोद को वोट नहीं किया। उन्होंने कहा कि जहां मुसलमान राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशियों के पक्ष में एक जुट था लेकिन जाटों ने मुसलमान प्रत्याशियों के साथ ही रालोद प्रत्याशियों को भी वोट नहीं किया। इस कारण से रालोद प्रत्याशियों का प्रभाव कम होता दिखाई दे रहा है। अगर इन सभी सीटों पर सपा के ही प्रत्याशी चुनाव लडे होते तो तस्वीर बदल सकती थी। बर्क वही सांसद है जिन्होंने संसद में राष्ट्रीय गान गाने से मना कर दिया था। वह मुरादाबाद व संभल दोनों स्थानों के सांसद रहे हैं। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर कहा कि वह भले ही दोबारा मुख्यमंत्री बन रहे हैं लेकिन उनके खयालात नहीं बदलेंगे। लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री इंसानों के साथ इंसाफ करें। बर्क के इस वक्तव्य को गठबंधन में दरार के रूप में देखा जा रहा है। वहीं जाट नेता जयंत चैधरी का इस बयान पर कोई भी बयान अभी तक नहीं आया है, इधर रालोद अध्यक्ष चैधरी जयंत सिंह ने अपने सभी प्रदेश व जिला इकाइयों भंग कर दी हैं। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ईवीएम को हार का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि वेलेट पेपर की गिनती में सपा 308 सीटों पर आगे रही जबकि भाजपा केवल 99 सीटों पर आगे रही थी।
सपा गठबंधन में दरार, जाटों ने गठबंधन को वोट नहीं दिया: शफीकुर्रहमान बर्क
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