भाजपा की नई सरकार के गठन की कवायद तेजी से चल रही है। शपथ ग्रहण 21 मार्च को होगा। मंत्रिमंडल के गठन को लेकर संगठन की बैठकें लगातार चल रही हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री अभी अभी दिल्ली में भी पार्टी के बडे नेताओं के साथ भी बैठक कर चुके हैं। देश के गृह मंत्री अमित शाह यूपी के बीजेपी के पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए है। वह आगामी 20 मार्च को दिल्ली से लखनऊ पहुंच जाऐंगे इसके बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। कौन कौन मंत्री बनेंगे इसको लेकर सबसे अधिक होड विधायकों में लगी इुई है। बदायूं जिले से इस बार मंत्रिमंडल में कौन शामिल हो सकता है इस बात को लेकर भी मंथन चल रहा है। वैसे निवर्तमान राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता के तीसरी बार विधायक बनने से उनका दावा मजबूत है लेकिन सूत्रों की मानें तो हरीश शाक्य का दावा इस बार सबसे मजबूत माना जा रहा है। भाजपा सरकार इस बार 65 साल से अधिक आयु के लोगों को सरकार में शामिल करने के मूड में नहीं है। कहा जा रहा है कि पार्टी के बडे नेताओं को छोडकर शेष नेताओं पर यह नियम लागू रहेगा। इस मामले में बदायूं सदर से विधायक व निवर्तमान राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता शीघ्र ही 65 साल की आयु पूरी करने वाले हैं। इसके साथ ही इस बार संगठन का प्रयास है कि उच्च शिक्षा के स्तर के लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए इस कारण पर गौर किया जाए तब राज्यमत्रीं महेश चंद्र गुप्ता कुछ कम रह जाते हैं। यहां भी हरीश शाक्य आगे जाते दिख रहे हैं, क्योंकि उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए किया हुआ है। इसके साथ ही सबसे बडी बात जो हरीश शाक्य के पक्ष में जाती है वह है मौर्य वोटों पर पकड बनाना। स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोडने के बाद से सांसद संघमित्रा मौर्य भी निष्क्रिय हैं। इसलिए मौर्य वोटों पर भाजपा की पकड के लिए हरीश शाक्य के अलावा इस क्षेत्र में कोई और चेहरा दिखाई नहीं देता हैं। चूंकि हरीश शाक्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से निकलकर आए हैं इसके साथ ही पार्टी में युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही मेन बाडी के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। उन्हीं के नेतृत्व में पार्टी ने 2017 में छह में से पांच सीटे जीतकर बडी उपलब्धि हासिल की थी। संगठन पर भी हरीश शाक्य की अच्छी पकड है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्य ने सपा के दिग्गज नेता धर्मेन्द्र यादव को हराया था। वैसे दाता गंज विधायक राजीव कुमार ंिसह बब्बू भैया भी लगातार दूसरी वार जीतकर अपनी दावेदारी को पुख्ता कर रहे हैं उनके नाम पर भी मंत्रिमंडल के दावेदारों में शामिल है। चूंकि वह क्षत्रिय समाज से आते हैं यह उनकी ताकत व कमजोरी दोनों ही हैं।
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