बिसौली में पिता बोला कि डेढ साल से अधिक समय से उसकी बेटी गांव में बेइज्जती करवा रही थी इसलिए उसने परेशान होकर उसको मार डाला। बेटी की हत्या का किसी प्रकार कोई गम नहीं है। कई बार समझाया था। लेकिन नहीं मानी थी।
यहां बता दें कि बिसौली तहसील के ग्राम परोली के रहने वाले महेश की पुत्री नीतू के गांव के ही सचिन से प्रेम संबंध थे। जबकि घरवाले इन संबंधों को अलग अलग जाति के होने के कारण स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सचिन उर्फ जयपाल व नीतू की जातियां अलग अलग हैं। अलग जातियां होने के कारण नीतू के घरवाले इस रिश्ते को स्वीकार नही ंकर पा रहीे थे। पिता महेश ने सचिन उर्फ जयपाल के पिता से कई बार कहा था कि अपने लडके को समझा लो नहीं तो अच्छा नहीं होगा। इसके बाद सचिन के पिता ने उसे हरिद्वार में नौकरी करने भेज दिया था।
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नौकरी करने तो चला गया लेकिन दोनों की फोन पर बात होना बंद नहीं हुई। दोनों फोन पर बात करते रहते थे। इसके बाद एक दिन नीतू हरिद्वार सचिन के पास पहुंच गई। जब नीतू गायब हो गई तब महेश ने सचिन के पिता को धमकी दी कि अगर उसकी लडकी नहीं आई तो वह उसके लडके को मार देगा। परेशान होकर सचिन ने नीतू को उसके पिता के हवाले कर दिया। इसके बाद भी दोनों की फोन पर बात चलती रही। इस मामले में महेश का कहना है कि इस बार फिर से दोनों भागने की जुगाड में थे जूते पहन रहे थे। अगर इनको पकडा नहीं जाता तब यह दोनों फिर से भाग जाते। इनके भागने से समाज में नाक कट जाती। इसलिए दोनों को मार डाला। महेश के लडके अंकित ने दोनों की आवाज सुनी थी। उसका कहना है कि दोनों बातें करते हुए हंस रहे थे मैं सुबह जल्दी उठता हूं जब मेरी आंख खुली तब मैने दोनों को देखा और माता पिता को बता दिया। उसका कहना है कि अच्छा हुआ दोनों मर गए दोनों की वजह से गांव में जीना मुश्किल हो गया था। पापा मम्मी ने बहुत समझाया लेकिन यह मान नहीं रहे थे।
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