बिसौली में पुलिस व ग्राम प्रधान की मिली भगत से कांवरियों का रास्ता रोकने का प्रयास, जाम लगा, तब रास्ता खुला, बवाल होते होते बचा

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बिसौली में पुलिस व ग्राम प्रधान की मिली भगत से कांविरियों का रास्ता बंद करने का प्रयास किया गया। कांवरियों ने पुलिस चैकी के सामने रास्ता बंद करके जाम लगा दिया और कांवरिया व ग्रामीण वहीं पर धरना देकर बैठ गए। इसके बाद कोतवाल संजीव शुक्ला की सूझ बूझ व आश्वासन पर मामला शांत हुआ। ग्रामीणों ने दबतोरी चैकी पुलिस पर संग्रामपुर प्रधान के साथ मिली भगत का आरोप लगाया।
यहां बता दें कि मामला जनपद बदायूं की कोतवाली बिसौली की पुलिस चैकी दबतोरी क्षेत्र का है। यहां के गांव कलरावाला, बिजौरी व सिरसांवा गांवों का रास्ता संग्रामपुर में से होकर जाता है। कांवरिया भी इसी रास्ते से गुजरते हैं। संग्रामपुर के ग्राम प्रधान ने गांव के बाहर ही रास्ते पर एक बोर्ड लगा दिया कि गांव में अंदर नाले का निर्माण हो रहा है इसलिए अंदर से रास्ता बंद है। इसके साथ ही दबतोरी चौकी पुलिस ने भी बेरियर लगा दिया। जिस पर एक सिपाही की ड्यूटी भी लगा दी। जबकि चौकी या थाना पुलिस को बिना एसएसपी की मंजूरी के कहीं भी बेरियर लगाने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बाद ग्रामीणों को जानकारी हुई कि गांव में कोई भी नाला निर्माण नहीं हो रहा है बल्कि कांवरियों का रास्ता बंद करने व घूमकर जाने के मकसद से यह बेरियर व बोर्ड लगाया गया है। ताकि भविष्य में कहा जा सके कि इधर से कांवरियों का रास्ता नहीं है।

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इस बात की जानकारी कांवरियों व ग्रामीणों को हुई वैसे ही ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। इसके बाद कांवरिया व ग्रामीण एकत्र होकर पुलिस चौकी दबतोरी पर आ गए व बिसौली दबतोरी मार्ग जाम करके पुलिस चैकी दबतोरी के सामने धरना दे दिया। सूचना पर सीओ बिसौली पवन कुमार व कोतवाल संजीव शुक्ला मौके पर पहुंच गए। कोतवाल संजीव शुक्ला की सूझ बूझ से मामला जैसे तैसे शांत हुआ वरना बडा बवाल भी हो सकता था। ग्रामीणों का आरोप है कि संग्रामपुर गांव में अधिकांशत एक समुदाय विशेष के लोग रहते हैं। इस कारण से इस गांव के प्रधान ने दबतोरी पुलिस से यह सैटिंग करके कांवरियों का रास्ता बंद किया था। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर पुलिस की मिली भगत नहीं होती तो पुलिस ने बेरियर क्यों लगाया और वहां पर एक सिपाही की ड्यूटी क्यों लगा दी। जबकि बिना एसएसपी या डीआईजी की अनुमति के कांवरियों का रूट परिवर्तित या बेरियर नहीं लगाया जा सकता है।  कोतवाल के प्रयास से जाम तो खुल गया। लेकिन ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कारवाई की जाए।
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