फर्जी एसडीएम ठगी करते गिरफ्तार, जेल गई

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फर्जी एसडीएम

एसडीएम बनकर लोगों को तरह तरह से ठगने वाली फर्जी एसडीएम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है। पुलिस का आरोप है कि फर्जी एसडीएम ने लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगा है।
यहंा बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर में एसडीएम बनकर व्यापारियों को ठगने वाली फर्जी एसडीएम नीलम पाराशर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस ने नीलम की इनोवा कार भी बरामद की है। जिस पर आगे की ओर एसडीएम की नेम प्लेट लगी हुई है। साथ ही पीछे की ओर शीशे पर एसडीएम लिखा हुआ है। नीलम अपने साथ सुरक्षा गार्ड के रूप में नकली पुलिस वाले भी रखती थी। नीलम लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर भी ठगी करती थी। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल इसी वर्ष 21 जून 2022 को मिसरोद थाना क्षेत्र में एक शादी समारोह में आए थे। नीलम भी उसी शादी समारोह में आई हुई थी। नीलम अपने फर्जी सुरक्षा कर्मियों के साथ राज्यपाल के इर्द गिर्द घूम रही थी। असली पुलिस ने नकली पुलिस को पहचान लिया। पुलिस ने फर्जी वर्दीधारियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पुलिस ने नीलम पाराशर को हिरासत में नहीं लिया। नीलम पाराशर का रसूख देखते हुए पुलिस भी सकते में थी। पुलिस असली या नकली एसडीएम को पहचाना नहीं पाई।

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पुलिस जिन नकली वर्दीधारियों को गिरफ्तार कर ले गई थी। उनसे जानकारी मिली कि पुलिस एसडीएम असली नहीं फर्जी है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस फर्जी एसडीएम को बचाना चाह रही थी। इसलिए पुलिस ने फर्जी एसडीएम को गिरफ्तार नहीं किया था। इसके प्रकरण के बाद भी फर्जी एसडीएम लगातार लोगों के साथ ठगी करती रही। नीलम अपनी बिना नंकर की इनोवा कार से चलती है। नीलम अपने ही नौकरों को पुलिस वर्दी पहनाती है। ताकि लोगों को नीलम पाराशर के असली एसडीएम होने का विश्वास हो जाए। इधर गुरूवार को नीलम पाराशर गौतमपुरा के एक व्यापारी से रंगदारी मांग रही थी। इसी समय इंदौर की क्राइम ब्रांच ने नीलम पाराशर को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय नीलम पाराशर के पास से राज्यपाल मंगूभाई पटेल के फर्जी हस्ताक्षर युक्त एक लेटर भी बरामद हुआ है। नीलम पाराशर ने बहुत से लोगों से बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग व लोक निर्माण विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है। नीलम के साथ से जिस फर्जी पुलिस कर्मी सोहित कुमार को गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि उसकी नौकरी नीलम मेडम ने ही लगवाई थी। नीलम का बात करने का लहजा बिल्कुल सरकारी अधिकारियों के जैसा ही था। नीलम मध्यप्रदेश पीसीएस के लिए तैयारी कर रही थी। लेकिन उसका पीसीएस में चयन नहीं हुआ तो उसने फर्जी एसडीएम बनकर लोगों पर रौब झाडना व ठगना शुरू कर दिया।

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