बरेली जेल में रची गई थी उमेश पाल की हत्या की साजिश अतीक का भाई अशरफ इस हत्या का असली मास्टरमाइंड निकला है। जिसके सबूत भी पुलिस को मिले हैं। बरेली जेल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर हुई पूंछतांछ में इस घटना का खुलासा हुआ है।
यहां बता दें कि प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के मामले में पुलिस ने अतीक अहमद के भाई बरेली जेल में बंद अशरफ को मुख्य आरोपी बताया है। इस बात का खुलासा सीसीटीवी फुटेज व गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूंछतांछ में इसकी जानकारी हुई है। हत्या से 13 दिन पहले हत्या में शामिल 9 शूटर अशरफ से मिलने बरेली जेल आए थे। इन्होंने ही यहां से जाकर हत्या को अंजाम दिया था। उमेश पाल विधायक राजू पाल की हत्या का गवाह था।
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इस पूंछतांछ में यह भी पता लगा है कि हत्या होने से लगभग डेढ से दो महीने पहले से इस हत्या की साजिश बरेली जेल में रची जा रही थी। जानकारी यह भी मिली है कि जेल अधिकारियों से मिली भगत के बाद यह शूटर अशरफ से मिलने आते थे। इसके बाद उमेश की रेकी कराई गई थी। रेकी के बाद पूरी रिपोर्ट अशरफ को दी गई थी। अतीक व अशरफ की सोच थी कि उमेश पाल इस मामले का इकलौता गवाह है इस गवाह यदि यह मारा जाता है तब हम लोग बेदाग बच जाऐंगे। इसी कारण से बरेली जेल में साजिश रचकर उमेश पाल की हत्या कराई गई थी। जेल के सिपाही शिवहरि एवं कैंटीन में फल व सब्जी पहुंचाने वाला दयाराम उर्फ नन्हें राशिद और फुरकान इस मामले में सूचनाओं का आदान प्रदान करने व मोबाइल के व्हाटसअप के जरिए अशरफ की बात कराने वाले पहले ही पुलिस की पकड में आने के बाद जेल जा चुके हैं।
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