हाईकोर्ट की रोक पर चला बुलडोजर अधिकारियों से होगी वसूली

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भ्रष्टाचार के आरोप में

हाईकोर्ट Highcourt के रोक लगाने के बाद भी अधिकारियों ने बुलडोजर चला दिया इससे हाईकोर्ट Highcourt अधिकारियों से बेहद खफा हैं। हाईकोर्ट Highcourt का कहना है कि या तो अधिकारी इन नुकसान की भरपाई करें अन्यथा 16 अगस्त को अगली कोर्ट सुनवाई में उपस्थित हों।
यहां बता दें कि मामला बुलंदशहर Bulandshahar का है यहां पर गंगा एक्सपे्रस वे के अधिकारियों ने ऐरो सिटी प्रोजेक्ट पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। इस प्रोजेक्ट पर हाईकोर्ट Highcourt ने रोक लगाई थी। लेकिन इन अधिकारियों ने इस आदेश की परवाह ना करते हुए 29 मार्च को बुलडोजर चलाकर इस पूरे रेजिडेंसी को ध्वस्त कर दिया था।  Read More ——-पाकिस्तान जिंदाबाद का गाना बजाने वाले, नईम व मुस्तकीम गिरफ्तार

ज्ञात रहे कि बुलंदशहर के झांझर इलाके में एरोसिटी रेजिडेंसी प्रोजेक्ट के खिलाफ यमुना ऐक्सप्रेसवे अथोरिटी के अधिकारियों ने ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया। इस निर्णय के खिलाफ पूरे मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad Highcourt ने दिसम्बर 2021 में रोक लगा दी थी। लेकिन अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी यहां बुलडोजर चला दिया था। Read More ——-थाना बिसौली: फोन बजा कि प्रेमिका के घर में प्रेमी पकडा
इसके बाद पूरे मामले को लेकर अवमानना याचिका हाईकोर्ट Highcourt में दाखिल की गई। इस अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस सरल श्रीवास्तव ने कोर्ट के आदेश के बावजूद भी बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की पूरी प्रक्रिया पर बेहद नाराजगी दिखाई। इस पर कोर्ट ने कहा कि अधिकारी या तो इस नुकसान की भरपाई करें या फिर यमुना एक्सप्रेस वे के सीईओ अरूणवीर सिंह समेत ओएसडी शैलेंद्र सिंह, डीजीएम राजेंद्र कुमार भाटी, सीनियर मैनेजर विकास कुमार, बुलंदशहर के एसडीएम राकेश कुमार एवं तहसीलदार विनय भदौरिया को तलब किया है। कोर्ट का कहना है कि या तो यह सब अधिकारी Highcourt की अवमानना कारवाई का सामना करें या फिर हुए नुकसान की भरपाई करें। इस मामले में हाईकोर्ट में 16 अगस्त को फिर से सुनवाई होनी है।

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