मुम्बई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना से निष्काशित कर दिया। उन्होंने शिंदे को शिवसेना के सभी पदों से पदमुक्त करते हुए पार्टी से भी निष्काशित कर दिया है। उद्धव ने इस बडी कारवाई के लिए शिंदे का पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होना बताया है। शिंदे ने बीते दिन ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। उनके साथ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, उद्धव ठाकरे के इस फैसले को शिंदे के उन दावों पर हमला बताया जा रहा है, जिसके जरिए वे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत पर दावा कर रहे हैं।
शिंदे सरकार का आगामी चार जुलाई को होगा शक्ति परीक्षण
शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार चार जुलाई को विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करेगी। इससे पहले भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया।
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आवश्यकता पड़ने पर इस पद के लिए तीन जुलाई को चुनाव कराया जाएगा। तीन जुलाई से ही दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो रहा है। कांग्रेस के नाना पटोले के पिछले साल फरवरी में इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली था।
शिवसेना के बागी नेता हैं शिंदे
एकनाथ शिंदे शिवसेना के बागी नेता हैं। उन्होंने अचानक ही महाविकास अघाडी की चलती हुई सरकार से नाराज होकर अपने साथियों के साथ असम के गुहाटी चले गए थे। शिंदे का आरोप था कि उद्धव ठाकरे बाला साहब ठाकरे के सिद्धान्तों से भटक गए हैं। इसके बाद एक एक कर 40 विधायक एकनाथ शिंदे से मिल गए थे, इसी के साथ एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली है
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