ग्रामीणों के विरोध में प्रदर्शन के बाद एक बडा मामला खुलकर सामने आया है 12 लाख से अधिक कीमत के यूकेलिप्टिस के पेड मात्र एक लाख अट्ठाईस हजार मे ही नीलाम कर दिए जिसका ग्रामीणों ने विरोध करते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर नीलामी निरस्त कराने व पुनः नीलामी की मांग की है।
यहां बता दें कि यूपी के जनपद बदायूं की तहसील बिसौली के गांव कनुआखेडा मे प्रधानमंत्री द्वारा “ शुद्ध पेयजल योजना “ के तहत ग्राम पंचायत में टंकी निर्माण के लिए भूमि चिन्हित कर कार्य किया गया। जिसमंे गाँव कनुआखेड़ा में ग्रामसभा की लगभग 2 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई, ( जो कि वृक्षारोपण को आंवंटित है ) जिसमे यूकेलिप्टिस के लगभग 158 वृक्ष 44 वर्ष पुराने लगे हुए है। जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 12 लाख रूपये से अधिक मानी जा रही है। लेकिन इसकी नीलामी एसडीएम बिसौली, नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल व वन विभाग अधिकारी डीएफओ बदायूँ की मौजूदगी में तहसील सभागार बिसौली में बिना किसी पूर्व सूचना के नीलामी की गई।
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सूचना ना होने के कारण केवल ठेकेदार के अपने ही लोग मौजूद थे गांव के लोगों को नीलामी की कोई सूचना नहीं थी। जब कनुआखेडा के लोगों को जानकारी हुई कि 158 पेडों की नीलामी मात्र 128000/- रू. में की हो गई। तत्काल ही यह रकम भी जमा करवा दी गई। इसके बाद तब लोगों ने इसकी विस्तृत जानकारी हुई। लोगों को इस बात पर आपत्ति है कि नीलामी की सूचना गांव में नहीं दी गई। इससे सरकार को दस लाख रू से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ है। जबकि प्रशासन का कहना है कि नीलामी की विधिवत सूचना गांव में दी गई थी। इसका नोटिस भी गांव में चस्पा किया गया था। इस विषय पर अधिकारियों का कहना है कि नीलामी की पूरी जानकारी गांव में ग्रामीणों को दी गई थी। गांव में डुग्गी भी पिटवाई थी। ग्रामीणों का आरोप सरासर झूंठा है। यह पूंछे जाने पर कि पेडों की कीमत क्या थी इस पर जबाव देने से कतराते नजर आए।
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