कल्कि महोत्सव Kalki Mahotsav में नसीमुद्दीन सिद्दीकी Nasimuddin Siddiqui के द्वारा गणेश वंदना करने से मुस्लिम धर्म गुरू नाराज हो गए हैं। इन मुस्लिम धर्मगुरूओं द्वारा तरह तरह की बातें कही जा रही हैं। सिद्दीकी ने कहा कि समाज को जोडने वाली आरती में शामिल होने पर कोई फतवा जारी करता है तो करने दो मैं ऐसे फतवों को नहीं मानते हैं।
यहां बता दें कि यूपी के जनपद संभल में कल्कि पीठाधीश्वर आजार्य प्रमोद कृष्णम के निर्देशन में कल्कि महोत्सव चल Kaliki Mahotsav रहा है। इस महोत्सव में देश भर के नेता आ जा रहे हैं। इसी मामले में हुए कार्यक्रम में कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान सिद्दीकी गणेश वंदना की साथ ही संस्कृत में श्लोक भी बोले। सिद्दीकी ने गणेश वंदना ’’ गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्, उमासुतं शो विनाशकारम्, नमाकि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।
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मंत्र के साथ मंच पर अपने वक्तव्य की शुरूआत की। इससे मुस्लिम धर्मगुरू भडक गए। कई धर्मगुरूओं का कहना है कि एक मुस्लिम को आरती या वंदना करने की कोई अनुमति कहीं भी नहीं है। इस प्रकार की जब बाते सामने आईं तब सिद्दीकी ने भी कट्टर पंथियों को जबाव दिया है। उन्होंने कहा कि मैं समाज को जोडने वाली आरती में शामिल हुआ था। मैंने सजदा नहीं किया है। मैंने कोई भी हराम काम नहीं किया है। इसके बावजूद कोई फतवा जारी करता है तो करने दो मैं इसकी चिंता नहीं करता हूं। दुसरे धर्म की जानकारी करना कोई गलत बात नहीं है। मैंने चारों वेद पढे हैं। गीता के श्लोक तक मुझे कंठस्थ हैं। मैं मुस्लिम हूं नमाज भी पढता हूं। इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने वेद भी पढे थे। कहीं भी यह नहीं लिखा है कि कहीं भी नहीं लिखा है कि रामायण व गीता केवल हिन्दू ही पढेगा मुस्लिम नहीं पढ सकता है।
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