विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड में हाल ही में दोष मुक्त हुए डीपी यादव ने गाजियाबाद के एसएसपी से गुहार लगाई है कि अब वह बूढे हो गए हैं अक्सर बीमार रहते हैं अब उनकी हिस्ट्रीशीट बंद कर दी जाए। अभी तक एसएसपी गाजियाबाद ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
डीपी यादव उत्तर प्रदेश का जाना पहचाना नाम है। डीपी यादव पर अब से 27 साल पहले विधायक महेंद्र भाटी की हत्या का आरोप लगा था। जिनकी दादरी में हत्या हुई थी। महेंद्र भाटी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का उस समय का एक बहुत बडा नाम था। उस समय यह हत्या एके 47 रायफल से हुई थी। महेन्द्र भाटी की हत्या के समय डीपी यादव बुलंदशहर से विधायक थे। पहले तो डीपी यादव व महेंद्र भाटी का बहुत ही करीबी रिश्ता था महेंद्र भाटी को डीपी यादव का राजनैतिक गुरू भी कहा जाता है। लेकिन महेंद्र भाटी की हत्या का आरोप लगने के बाद डीपी यादव की जिला गाजियाबाद में हिस्ट्रीशीट खोल दी गई। लम्बे समय यह मामला न्यायालय में चला इसके बाद देहरादून सीबीआई कोर्ट ने वर्ष 2015 में डीपी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद डीपी यादव जेल चले गए थे।
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इसके बाद डीपी यादव ने सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने डीपी यादव को इस मामले से दोष मुक्त कर दिया। हाईकोर्ट का कहना था कि डीपी यादव के खिलाफ पत्रावली पर कोई भी ठोस सबूत नहीं है जिसके आधार पर सजा दी जा सके। इसके बाद से डीपी यादव जेल से बाहर हैं। डीपी यादव का दावा है कि अब उनके खिलाफ कोई भी मामला किसी भी अदालत में विचाराधीन नहीं है वह इस समय गाजियाबाद के कविनगर थाने में रहते हैं। उन्होंने कहा है कि मेरी आयु 74 साल हो गई हैं शरीर बहुत सी बीमारियों से ग्रसित है सभी आरोपों से बरी हो चुका हूं इसलिए अब थाना कविनगर की उनकी हिस्ट्रीशीट भी समाप्त कर देनी चाहिए। एसएसपी गाजियाबाद ने इस मामले में संबंधित थाने से आख्या तलब की है। इसके बाद ही इस मामले में कोई कारवाई आगे की जाएगी।
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