भले ही अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी की छवि सुधारने एवं सरकार बनाने के लिए लोगों को विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहे है कि यह नई सपा है। पहले वाला कुछ नहीं है कानून व्यवस्था आदि बिन्दू बेहतर रहेंगे। लेकिन उनके नेता इस पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं रख रहे हैं। ऐसे ही रायबरेली से सपा प्रत्याशी आर पी यादव एक जनसभा में बोलते बोलते क्या बोल गए कि उनको पता ही नहीं चला जब बयान पर बवाल हुआ तब पार्टी को सफाई देनी पडी।
हुआ यूं कि समाजवादी पार्टी प्रत्याशी आर पी यादव एक कार्यक्रम में वोट मांगने गए थे। वही वह जोश में होश खो बैठे। और उन्हांेने आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि सपा सरकार बनी तो पता नहीं चलेगा कि यह सवर्ण कहां गए। जब बयान को लेकर चर्चा तेज हुई तब पार्टी ने भी आगे बढकर सफाई दी। वैसे पार्टी का कहना है कि आरपी यादव के बयान को भाजपा तोड मरोड कर पेश कर रही है। लेकिन उन्होंने रायबरेली में एक नुक्कड सभा को संबोधित करते हुए कहा था जब से बाबा की सरकार आई है, बताओ सवर्णों का बोलवाला है या नहीं। अगर सपा की सरकार बन गई तो सवर्णों का पात नहीं चलेगा कि वह कहां गए।
आरपी यादव के इस बयान पर बवाल शुरू हो गया । जैसे ही यह बवाल शुरू हुआ तब पार्टी ने आगे बढकर बयान दिया और आर पी यादव का बचाव करते हुए कहा कि आर पी यादव ने सवर्ण नहीं सांड कहा था। भाजपा व उसके नेता इस बयान को तोड मरोड कर गलत बयानी कर रहे हैं। वह सपा की लोकप्रियता से घबराए हुए हैं। सपा प्रवक्ता ने गलत प्रचार करने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग से कारवाई की मांग की है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि आरपी यादव के बयान को भाजपा प्रत्याशी अदिति सिंह द्वारा गलत तरीके से लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। पूरा उत्तर प्रदेश सांडों से परेशान है इसीलिए आर पी यादव ने सांड की बात कही थी। इसी शब्द को गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।
यहां बता दें कि रायबरेली से जहां सपा से आरपी यादव प्रत्याशी हैं वहीं भाजपा से बाहूबली अखिलेश सिंह की पुत्री अदिति सिंह प्रत्याशी हैं। अदिति सिंह कांग्रेस छोडकर भाजपा में शामिल हुई हैं। अदिति सिंह 2017 में कांग्रेस से विधायक बनीं थीं। बुद्धवार को रायबरेली विधानसभा में वोट डाले जाएगें।