निकाय चुनाव में फर्जी सर्वे के आधार पर प्रत्याशी भाजपा के टिकिट की जुगाड में लगे हुए हैं। इसलिए यह नए नए लोगों को लाकर अपने अपने पक्ष में सर्वे कराकर भाजपा नेताओं के पास भेज रहे हैं। जिससे टिकिट प्राप्त किया जा सके।
यहां बता दें कि नवंबर या दिसंबर में नगर निकाय चुनाव होने की संभावना है। सरकार के नगर विकास मंत्री भी इस बारे में घोषणा कर चुके हैं कि नगर निकाय चुनाव इसी वर्ष होंगे। बदायूं जिले में निकाय चुनाव को लेकर भी सगर्मियां तेजी पर हैं। जिले में पांच नगर पालिकाऐं हैं। शेष नगर पंचायतें हैं। इन चुनावों को लेकर सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा से ही मैदान मेें हैं। जबकि टिकिट तो केवल एक ही प्रत्याशी को मिल सकता है। सभी अपनी अपनी जीत पक्की होने का दावा कर रहे हैं।
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सभी का कहना है कि टिकिट हमें दो हमारी जीत पक्की है। लेकिन अभी से दिखाने को कुछ भी नहीं है। कई प्रत्याशी तो ऐसे हैं जिनके पास तो जीत की संभावनाऐं तक नहीं हैं। लेकिन वह भी इस तरह के फर्जी सर्वे भाजपा पार्टी कार्यालय भिजवा रहे हैं। इसके साथ ही इन सर्वे में सर्वे भिजवाने वाला स्वयं को जीता हुआ दिखवा रहा है। इसी जीत को आधार बनाकर यह दावेदार अपने अपने टिकिट की दावेदार पेश कर रहे हैं। जो दावेदार पिछडे हुए हैं उनके ही सर्वे सबसे प्रभावी दिखवाए जा रहे हैं। कई प्रभावी दावेदार जो धरातल पर काम कर रहे हैं वह यह सर्वे का खेल नहीं जानते हैं। इस कारण से यह दावेदार टिकिट की लाइन में पिछडते दिखाई दे रहे हैं। अगर भाजपा ने बदायूं निकाय चुनाव: फर्जी सर्वे के आधार के सर्वे पर ध्यान दिया तो भाजपा का हाल पिछले निकाय चुनावों की तरह ही होने की संभावना है। कई तो गद्दार भी भाजपा से टिकिट के दावेदार हैं। चूंकि विधानसभा चुनाव के बाद इन गद्दारों पर पार्टी ने कोई कारवाई नहीं की है इस कारण से इन गद्दारों के हौसले बढे हुए हैं।
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