गंगा एक्सप्रेस वे भूमि खरीद में करोडों का घोटाला हो गया। जिसकी जांच में प्रथम दृष्टया बंदोबस्त अधिकारी चंकबंदी को दोषी मानते हुए कारवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी है।
यहां बता दें कि मामला यूपी के जनपद संभल का है यहां गंगा एक्सप्रेस वे भूमि खरीद के लिए शासन द्वारा भूमि खरीद की गई है। लेकिन संभल जिले में भूमि खरीद में बडा घोटाला हो गया। इस मामले में जिलाधिकारी मनीश बंसल ने तीन अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई थी। जिसने जांच के बाद बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी को दोषी मानते हुए रिपोर्ट दी है। जिसे जिलाधिकारी ने शासन को भेजा है। इसके साथ ही कई अन्य अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं। मेरठ से प्रयागराज तक यूपी सरकार गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण कर रही है। इसी मे किसानों की जमीन को सरकार अधिग्रहीत की है। जिसका मुआवजा भी सरकार ने किसानों को दिया है।
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इसी मुआवजे में संभल जिले के मझोला गांव के किसानों की गंगा एक्सप्रेस वे भूमि खरीद के मुआवजे में बडा घोटाला हो गया। गाटा सं किसी की लेकिन किसी अन्य किसान के नाम दिखा कर मुआवजा राशि दे दी गई। एक महिला को उसकी भूमि से अधिक मुआवजा दे दिया गया। इस पूरे मामले को लेकर बहुत शिकायतें की गईं लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई। इससे परेशान होकर कुछ किसान हाईकोर्ट चले गए। इसके बाद हुई जांच में लगभग छह लाख रू के घोटाले की जानकारी तो सामने आ गई है। जबकि अन्य जानकारी की जा रही है। इसके बाद अधिकारियों ने मुआवजा वितरण पर रोक लगा दी गई है। जिलाधिकारी मनीष बंसल का कहना है कि जांच चल रही है रिपोर्ट मिलने के बाद अग्रिम कारवाई की जाएगी। इस मामले में कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जांच चल रही है जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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