गांव के दबंगों से परेशान एक किसान ने बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंच कर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। जिसकी गुरूवार को बरेली के एक अस्पताल में मौत हो गई। किसान को गंभीर हालत में हायर सेंटर बरेली रेफर किया गया था। इस मामले में एसएसपी ने इंस्पेक्टर व दो दरोगा समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है।
मामला यूपी के जनपद बदायूं के थाना सिविल लाइंस के गांव रसूलपुर का है। यहां के किसान किशनपाल के खेत में गांव के कुछ लोगों ने दो सप्ताह पहले आग लगा दी थी। इससे परेशान किसान इसकी शिकायत लेकर थाना सिविल लाइंस की मंडी समिति पुलिस चैकी पर पहुंचा और तहरीर दी। किसान किशनपाल के बेटे का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि उसके पिता को अभद्र भाषा का प्रयोग कर भगा दिया।
उन्होंने बताया कि उसने मंडी समिति चैकी प्रभारी पर भी आरोप लगाया और कहा कि दारोगा की आरोपियों से सांठगांठ हो गई थी, इसलिए पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इस मामले में किशनपाल की ओर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया गया था किंतु पुलिस ने उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की।
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बुधवार को किसान किशनपाल अपनी पत्नी व दो पुत्रों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और वहां गेट पर किशनपाल ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी। पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी नगर व अन्य पुलिसकर्मियों ने तत्काल उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां उसकी हालत चिंताजनक देखते ही डाक्टरों ने अधजले किसान को बरेली हायर सेंटर रेफर कर दिया था। जहंा गुरूवार को उसकी मौत हो गई थी।
किसान के एसएसपी कार्यालय में आत्मदाह के प्रयास के मामले को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओ पी सिंह ने बेहद गंभीरता से लिया। इस मामले पर कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर सिविल लाइन राजकुमार तिवारी, मंडी समिति चैकी इंचार्ज राहुल पुंडीर, तत्कालीन चैकी इंचार्ज अशोक कुमार और बीट के दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया था, साथ ही उपरोक्त सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की है। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओ पी सिंह ने बताया की थाना सिविल लाइन क्षेत्र के गांव रसूलपुर का रहने वाले किशनपाल ने 25 अप्रैल को एक प्रार्थना पत्र दिया था कि कुछ लोगों ने उनके खेत आग लगा दी है, जिसकी जांच थाना क्षेत्र की मंडी समिति पुलिस चैकी प्रभारी द्वारा की जा रही थी। उन्होंने बताया कि आज लगभग 12 बजे किशनपाल की पत्नी व पुत्र उनसे मिलने आये थे और इसी बीच कार्यालय के गेट पर किशन लाल ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली।
गांव में पुलिस के खिलाफ रोष
किशनपाल की मौत के बाद रसूलपुर गांव में रोष व्याप्त है। लोगों का आरोप है कि पुलिस ने यदि समय से उचित कारवाई की होती तब आज किशनपाल जिंदा होता। लेकिन सच्चाई यह है कि पुलिस की लापरवाही गलती के कारण ही किसान किशनपाल की मौत हुई है।
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