डीएम साहब मैं जिंदा हूं आपके लेखपाल साहब ने सात साल पहले मुझे मृत लिख दिया, मेरी जमीन दूसरों के नाम कर दी बीते सात साल सेे लगातार गुहार लगा रहा हूं लेकिन मुझे अभी तक जिंदा नहीं घोषित नहीं किया है। यह दर्दनाक कहानी है ग्राम फीरोजपुर निवासी रामभरोसे लाल पुत्र रामस्वरूप की।
रामभरोसे लाल ने दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि वह फीरोजपुर के रहने वाले हैं। उनकी खेती की जमीन गाटा सं 1411 ग्राम भानपुर में है। वर्ष 2015 में लेखपाल ने मुझे मृत दर्शाकर मेरी जमीन तीन अन्य लोगों सुधीर कुमार शर्मा, सतीश कुमार शर्मा व सुनील कुमार शर्मा निवासी सराय जसू के नाम दर्ज कर दी। जबकि मैं आज भी जीवित हूं। इस बारे में पीडित तभी से लगातार शिकायतें कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी प्रकार से कोई कारवाई नहीं हुई है। यहां वास्तव में क्या हुआ कि इसी गांव में एक अन्य रामभरोसे लाल हैं जो सराय जसू के निवासी हैं। उनकी मृत्यु हो चुकी है उनके स्थान पर रामभरोसे लाल निवासी फीरोज पुर को मृतक दर्शा कर लेखपाल ने उनके स्थान पर उपरोक्त के नाम दर्ज कर दिए। यह आदेश 3 नवंबर 2015 का है। इस समय असल खाने में नाम रामभरोसे लाल का है तथा आदेश में राम सुधीर कुमार शर्मा आदि का चढा हुआ था। इसके कुछ समय बाद फसली बदल गई जिस कारण से अब असल खाने में भी सुधीर कुमार शर्मा व उनके भाइयों का नाम दर्ज हो गया है। अब रामभरोसे का नाम कहीं नहीं रह गया है। इससे रामभरोसे लाल बेहद परेशान हैं। रामभरोसे लाल का कहना है तभी से लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनको मृत के स्थान पर जिंदा नहीं दिखाया गया है। तंत्र की इस विफलता पर अधिकारियों ने आज तक कोई कारवाई नहीं की है जबकि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को त्वरित कारवाई करनी चाहिए थी। रामभरोसे लाल का कहना है कि अगर यहां से सफलता नहीं मिली तो योगी के दरबार में जाऊंगा।
डीएम साहब मैं जिंदा हूं आपके लेखपाल ने मृत लिख जमीन दूसरे के नाम कर दी
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