उत्तर प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य(Keshav Prasad Maurya) के चुनाव कार्यालय पर चुनाव आयोग की टीम ने छापा मारा है। टीम को क्या कुछ प्राप्त हुआ है इसके बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। इसकी सूचना मिलते ही पूरी विधानभा में हडकंप मच गया।
यहंा बता दें कि समाजवादी पार्टी के कौशाम्बी जिले के जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव ने चुनाव आयोग को शिकायत की थी, एवं कहा था कि पुलिस प्रशासन भाजपा प्रत्याशी की मदद कर रहा है जबकि समाजवादी पार्टी के व गठबंधन प्रत्याशियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। चुनाव आयोग को की गई शिकायत में कहा गया है कि पुलिस व प्रशासन के अधिकारी समाजवादी पार्टी के वाहनों को बेवजह सीज कर रहे हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी व प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के वाहनांे को पूरी छूट दी जा रही है।
इसी शिकायत पर गुरूवार को दोपहर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के केंद्रीय चुनाव कार्यालय पर चुनाव आयोग की फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम मौके पर पहुंच गई। इसके बाद टीम ने पूरे कार्यालय की जांच की। निर्वाचन आयोग की टीम ने मौर्य के करीबी भाजपा नेता के प्रतिष्ठान की भी जांच की। इस दौरान टीम को क्या मिला और क्या नहीं मिला इस विषय में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन अफसरों को जांच में क्या मिला इसकी कोई जानकारी देर शाम तब अफसरों ने नहीं दी थी।
यहां बता दें कि कौशाम्बी जिले की सिराथू विधान सभा सीट से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के उम्मीदवार हैं। यही वह कारण है जिससे यह विधान सभा प्रदेश की वीआईपी सीटों में गिनी जा रही है। यहां पर समाजवादी व अपना दल कमेरावादी की गठबंधन प्रत्याशी पल्लवी पटेल चुनाव मैदान में हैं। वहीं बसपा ने मुंसब उस्मानी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
सपा जिलाध्यक्ष की मुख्य शिकायत थी कि भाजपा प्रत्याशी के कार्यालय पर बडी संख्या में प्रचार वाहन खडे रहते हैं। इसके साथ कई अनाधिकृत वाहन भी प्रचार कर रहे हैं, जबकि गठबंधन प्रत्याशियों को बेवजह परेशह परेशान किया जा रहा है। भाजपा कार्यालय पर बडी संख्या में लोगों को भोज भी कराया जाता है।
एक अधिकारी ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि चुनाव आयोग से की गई शिकायत पर रूटीन जांच की गई है। इसी सिल सिल में आय व्यय प्रेक्षक अंजूलता के निर्देश पर स्क्वायड टीम ने जांच की। इस दौरान टीम ने मौर्य के करीबी भाजपा नेता अरूण केसरवानी के प्रतिष्ठान की भी जांच की थी। टीम ने पूरी जांच की वीडियोग्राफी भी कराई है। लेकिन अफसरों ने अंतिम समय तक भी यह नहीं बताया कि मौके से क्या क्या मिला। हालांकि अफसर जांच के दौरान क्या मिला, इसकी जानकारी देने से बचते रहे। मामले में जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि सपा जिलाध्यक्ष ने डिप्टी सीएम के केंद्रीय कार्यालय में भोजन आदि बना कर बांटने की शिकायत की थी।