स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार एक साथ 38 लोगों को फांसी की सजा

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गुजरात के शहर अहमदाबाद (Ahamdabad) में हुए बम ब्लास्ट मामले में स्पेशल कोर्ट ने 38 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी है।
लगभग साढे तेरह साल पहले गुजरात मे ंबम धमाके हुए थे जिनमे लोगों की मौत हुई थी। पुलिस ने अपने आरोप पत्र में 77 लोगों को आरोपी बनाया था। जिनमें से 28 लोगों को न्यायालय ने बरी कर दिया था। विशेष अदालत ने सुनवाई के बाद शुक्रवार को 49 में से 38 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है जबकि 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा दी है। यह सजा जब तक जीवन है तब तक की है। इस मामले में सितंबर 2021 में ही सजा पूरी हो गई थी। इसके बाद से स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में आतंकियों ने टिफिन मे ंबम रखकर साईकिल पर रख दिए थे। इसके साथ ही आतंकियों ने न्यूज एजेंसियों को मेल भी किया था। और कहा था कि रोक सको तो रोक लो। जो होना है सो होगा।
38 ko Fansiयहंा बता दें कि 26 जुलाई 2008 को लगभग एक घंटा 10 मिनट के अंतराल में सीरियल ब्लास्ट किए थे। यह कुल 21 ब्लास्ट किए थे। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी जबकि 200 से अधिक लोग इसमें गंभीर घायल हुए थे। इसमें पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन से जुडे लोगों को आरोपी बनाया था। इसके बाद पुलिस ने चार्ज शीट में इन लोगों को आरोपी बनाया था।
लगभग साढे 13 साल तक चले इस मुकदमे में अभियोजन ने 1163 गवाह पेश किए थे। इसके साथ ही 6000 से अधिक सबूत पेश किए थे। इन सभी गवाहो के बयान न्यायालय में हुए थे। इस मामले 56 लोगों की मौत व 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके बाद दिसम्बर 2009 से इस मामले में सुनवाई गुजरात की विशेष अदालत में चल रही थी। इसके बाद विशेष न्यायालय ने सितंबर 2021 में मामले की पूरी सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट के जज ए एल पटेल ने अपने 6752 पेजों के अपने जजमेंट ने 77 में 49 को दोषी ठहराया एवं जिनमें से 38 को फांसी दी गई है। साथ ही 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी है। 28 आरोपियों को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।

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