बरेली में दरोगा ने महिला को छत से नीचे फेंक दिया जिस कारण से महिला के दोनों पैर टूट गए हैं। डीआईजी ने मामले की जांच सीओ को सौंप दी है। सीओ को पांच दिन में जांच डीआईजी को सौंपनी है।
यहां बता दें कि पूरा मामला यूपी के जनपद बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी के गांव रम्पुरा का है। एक महिला हसीना बानो ने रम्पुरा निवासी साहिल उर्फ इंस्पेक्टर पर दहेज उत्पीडन का मुकदमा दर्ज कराया है।
लेकिन साहिल लम्बे समय से न्यायालय में उपस्थित नहीं आ रहा है। अदालत लगातार इस साहिल के खिलाफ लगातार वारंट जारी कर रही है। लगातार वारंट जारी करने पर भी जब साहिल न्यायालय उपस्थित नहीं आया तब अदालत ने डीजीपी को वारंट तामील कराने का आदेश दिया था। इस कारण से एसएसपी ने वारंट की तामील की जिम्मेदारी दरोगा सौरभ कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी। उसे आदेशित किया गया कि आरोपी को तत्काल ही गिरफ्तार कर न्यायालय पहुंचाया जाए।
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दरोगा सौरभ कुमार हसीना द्वारा लगातार वारंट जारी कराने से नाराज हो गया। वह अपनी टीम के साथ साहिल के घर जाने के बजाए हसीना के ही घर पहुंच गया। आरोप है कि बरेली में दरोगा ने महिला को छत से नीचे फेंक दिया जिससे हसीना अपने चचेरे भाई के घर में गिरी। हसीना के दोनों पैर टूट गए हैं। इसके बाद घटना की सूचना डायल 112 को दी गई। डायल 112 ने हसीना को अस्पताल में भर्ती कराया था। हसीना के भर्ती होने के बाद उसका इलाज चल रहा है। जबकि हसीना की मां नन्हीं वेगम ने हसीना के छत से फेंकने की शिकायत डीआईजी बरेली अखिलेश चैरसिया को दी है। डीआईजी ने मामले की जांच सीओ गौरव कुमार को सौंपी है। यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आरोपी वहां रहता ही नहीं है फिर दरोगा वहां पहुंचा ही क्यों। इधर दरोगा का कहना है कि महिला स्वयं ही छत से गिरी है पुलिस का कोई रोल नहीं है। डीआईजी का कहना है कि अगर पुलिस का कोई भी कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो कडी कारवाई की जाएगी।
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