आजम खां अब रामपुर से विधायक नहीं रहे। उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई है। अब रामपुर की विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है। शीघ्र ही जब चुनाव होगा तब इस सीट पर चुनाव कराए जाऐंगे।
हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा मिलने के बाद आजम खां की विधानसभा की सदस्यता पर कैंची चल गई। उनकी विधानसभा की सदस्यता रदृद कर दी गई है। गुरूवार को आजम खां को रामपुर कोर्ट ने 2019 में हेट स्पीच के मामले में तील साल की जेल के साथ ही छह हजार रूपयों का जुर्माना भी डाला था। 2019 में पूर्व विधायक ने रामपुर की मिलक विधानसभा में चुनाव प्रचार के दौरान आजम खां ने तत्कालीन जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार पर अभद्र टिप्पणी की थी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी टिप्पणी की थी।
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इस मामले में मिलक कोतवाली में आजम खां के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में धारा 153ए, 505ए, 504, 506 आईपीसी के अंर्तगत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस आरोप पत्र के बाद न्यायालय में मुकदमा चलाया गया था। इस मुकदमे में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई है। नियम है कि यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है तब उस जनप्रतिनिधि का वह पद समाप्त कर दिया जाएगा। इस सजा के बाद उन्हें फिलहाल जमानत दे दी गई है। अब वह मामले में अपील कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट जाना पडेगा। इस बारे में आजम खां ने बताया कि उनके पास कई विकल्प मौजूद हैं। इस मामले में सबसे पहली क्रिया जमानत थी वह हमने प्राप्त कर ली है। अब मैं अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा हूं।
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