जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तब सुरक्षा कहां मिल सकती है। ऐसा ही वाक्या हो गया कोतवाली में ही सिपाहियों ने प्रोपर्टी डीलर से सत्तर हजार रूपए लूट लिए। दोनंों सिपाहियों व एक तथाकथित पत्रकार को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
प्रतिष्ठित अखबार नवभारत टाईम्स के अनुसार मामला लखनऊ Lucknow की मंडियांव Mandiyav कोतवाली का है यहां के रायपुर इलाके के रहने वाले अतुल प्रोपर्टी डीलिंग व ठेकेदारी का काम करते हैं। अतुल का किसी प्रापर्टी को लेकर किसी से कोई विवाद चल रहा था। इसकी जानकारी शिवांशु व आकाश नाम के दो लोगों को थी। बीती 12 अप्रेल को जानकी पुरम की ओर जाते हुए अतुल की कार को कुछ लोगों ने ओवरटेक करके रूकवा लिया। गाडी से उतरते ही दो लोगों ने स्वयं को एसटीएफ और क्राइम ब्रांच का बताते हुए उस पर असलाह तान दिया।
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इसके बाद अतुल को उक्त लोग मंडियाव कोतवाली ले आए। इसके बाद उन लोगों ने कहा कि तुमको शाइनसिटी केस के मामले में फंसवा देंगे। या तो पांच लाख रूपए दो। चूंकि अतुल पहले साइनसिटी में काम कर चुका है इसलिए वह डर गया। इसके बाद जैसे तैसे करके अतुल ने उक्त तीनों को सत्तर हजार रूपए दिए और जान बचाई। इसके बाद अतुल ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की। जिसके बाद जांच की गई तब पता लगा कि शिवांशु नाम के एक तथाकथित पत्रकार व दो सिपाही अनिल सिंह व सुधीर सिंह ने जाल बनाकर प्रापर्टी डीलर अतुल को लूटा है। इसके बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि आकाश फरार है। यहां महत्वपूर्ण है कि पुलिस में ऐसे लोगों के होने से ही पूरी की पूरी पुलिस बदनाम हो रही है। वास्तव में ऐसे लोगों पर कठोर से कठोर कारवाई करने की आवश्यकता है। ताकि कोई भी दोबारा से ऐसी हरकत का प्रयास नही ंकर सके।
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