बदायूं एमएलसी चुनाव में नाम वापस लेने के बाद सपा प्रत्याशी सिनोद शाक्य ने कहा कि सपा के ही कुछ भितरघाती साजिश रचकर चुनाव हराना चाह रहे थे। इस साजिश का पहले ही पता लग गया था इसलिए मैंने नाम वापस ले लिया। वरना दोबारा से वही होता जो जिला पंचायत के चुनाव में हुआ था।
यहां बता दें कि एमएलसी चुनाव में नाम वापसी लेने वाले दिन सपा प्रत्याशी सिनोद शाक्य ने अचानक ही जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यायल पहुचंकर अपना नाम वापस ले लिया था। उनका कहना है िकवह तो दमदारी से चुनाव लडने वाले थे लेकिन जब उन्हंे पता लगा कि समाजवादी पार्टी के लोग ही चुनाव हराने की साजिश रच रहे हैं तब उन्हे बहुत दुख हुआ और उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा विधायकों के करीबी प्रधान व बीडीसी सदस्य भाजपा का चुनाव लडा रहे थे। एक विधायक का निजी प्रधान भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रधानों की मीटिंग करा रहा था। जरीफ नगर क्षेत्र का एक प्रधान भी भाजपा प्रत्याशी का समर्थन कर रहा था।
सिनोद शाक्य ने फोन पर बताया कि जिला पंचायत चुनाव भी वह धोखे के कारण हारे थे। सपा के लोग उनके समर्थन में बाहर से थे जबकि अंदर से उनकी इच्छा कुछ और ही थी। सिनोद शाक्य का यह बयान नाम वापस लेने के बाद अगले दिन फोन पर आया है।
इस मामले में सूत्र बताते हैं कि सिनोद शाक्य इस समय भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ लखनऊ गए हुए हैं और वह शीघ्र ही भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि तो नहीं की लेकिन इंकार भी नहीं किया। लेकिन सिनोद शाक्य के इस कदम से सपा को बहुत बडा झटका लगा है। जिस जिले को सपा का गढ माना जाता था उसी जिले में सपा प्रत्याशी द्वारा चुनाव से अपना नाम वापस लेना सपा के लिए बेहद ही चिंता जनक है।
सिनोद शाक्य: चुनाव हराने की साजिश का पता चला इसलिए नाम वापस लिया
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