समाजवादी पार्टी के संस्थापक व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की तेरहवीं के नाम पर चंदा वसूली की जा रही थी। उसकी रसीद सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कार्यक्रम रोकने के साथ ही पोस्टर बैनर भी हटवा दिए गए हैं।
यहां बता दें कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री व भारत के पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव की मृत्यु बीती 10 अक्टूबर 2022 को मेदांता अस्पताल में हो गई थी। मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैफई में किया गया था। इस अंतिम संस्कार में देश भर की नामी गिरामी शख्सियतें शामिल हुईं थी। चूंकि मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई में हिन्दू धर्म में मृत्यु उपरांत होने वाला तेरहवीं संस्कार कार्यक्रम नहीं होता है। इसलिए मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव ने भी अपने पिता की तेरहवीं संस्कार नहीं करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि हम दसवां संस्कार में हवन करते हुए पूरे विधि विधान से संस्कार करेंगे। लेकिन तेरहवीं संस्कार नहीं करेंगे। क्योंकि यह हमारे यहां की परंपरा है।
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टीवी 9 की एक रिपोर्ट के अनुसार यूपी के जौनपुर जिले में कुछ लोगों ने मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं करने का निर्णय लिया और इस कार्यक्रम का नाम धरती पुत्र मुलायम सिंह जी के तेरहवीं में ब्रहमभोज (भंडारा) रखा गया। कार्यक्रम का स्थान ग्रामसभा पाली बिजौरा डीह बाबा रखा गया है। इसके बाद इन लोगों ने तेरहवीं के नाम पर रसीद बुक छपवाकर लोगों से चंदा वसूली शुरू कर दी। इन्हीं लोगों ने जगह जगह बडे बडे होर्डिंग व बैनर लगवाए। इसी कार्यक्रम के नाम पर काटी गई एक रसीद अचानक ही वायरल हो गई जिसमें सुरेंद्र यादव अध्यापक लिखा हुआ है। पते के नाम पर जमालपुर लिखा है साथ ही पांच हजार रू लिखे गए हैं। आयोजक के स्थान पर समस्त क्षेत्रवासी मडियाहूं, जौनपरु लिखा गया है। ह0 प्राप्तकर्ता के स्थान पर जगदीश यादव के हस्ताक्षर हैं। सूत्र बताते हैं कि यह रसीद वायरल होते ही सपा के वरिष्ठ नेता सक्रिय हुए व तत्काल ही इस कार्यक्रम को रूकवा दिया गया। पूरे इलाके से होर्डिंग व बैनर हटवा दिए गए। इस बारे में समाजवादी पार्टी की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान अभी तक नहीं दिया गया है।
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