एक लेखपाल का विरासत दर्ज करने को लेकर वीडियो वायरल हो रहा है। लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कारवाई नहीं की गई है। एसडीएम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच बाद कारवाई की जाएगी।
यहंा बता दें कि मामला बदायूं जनपद की तहसील दातागंज का है। यहां का एक गांव है देवरी यहां के रहने वाले रामनाथ की दो साल पहले मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे सुखपाल ने विरासत दर्ज करावाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन हल्का लेखपाल ने लम्बे समय से दर्ज नहीं की गई। आरोप है कि गांव पर तैनात लेखपाल कई महीनों से लगातार टाल मटोल कर रहा है।
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अब बदायूं लेखपाल का रिश्वत वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिखाई दे रहा है कि सुखपाल को लेखपाल द्वारा बुलाया गया। इसके बाद सुखपाल से कुछ रूपए लिए और कहा कि अब तुम्हारा काम निपट जाएगा। और अगर पहले कर दिया होता तो अब तक काम हो चुका होता। इस घटना का किसी ने बदायूं लेखपाल का रिश्वत लेते वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। बदायूं लेखपाल का रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने से पूरे क्षेत्र में व्यापक चर्चा चल रही है। इस वीडियो वायरल को लेकर प्रशासन की जमकर फजीहत हो रही है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति है। वहीं जिले में अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हो रहे हैं। पूरे जिले में अबतक दर्जन भर से अधिक कर्मचारियों का रिश्वत लेते वीडियो वायरल हो चुका है। लेकिन अधिकांश कर्मचारियो को जांच के बाद निलंबित किया जाता है, और उसके कुछ दिनों के बाद बहाल कर दिया जाता है। वास्तव में रिश्वत की पुष्टि होने पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, विवेचना के बाद अगर पुष्टि होती तब आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के बाद मुकदमा चलना चाहिए। लेकिन इस तरह की भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई नहीं होने से इनके होसले बुलंद रहते हैं।
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