सीएचसी पर लगातार घटती डिलीवरी से परेशान सीएचसी प्रभारी व बीपीएम ने एक छापा मारकर एक निजी अस्पताल से आशा वर्कर को पकडा है। उसके खिलाफ कारवाई को सीएमओ को भी लिखा है।
यहां बता दें कि यूपी के जनपद बदायूं के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिसौली पर लम्बे समय से बच्चों की डिलीवरी लगातार घर रही हैं। इससे सीएमओ बदायूं ने डा रोहित कुमार व बीपीएम से गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। इस मामले पर जब डा रोहित कुमार व बीपीएम कौशल शर्मा ने मंथन किया तब सामने आया कि आशा वर्कर की सेटिंग से ही डिलीवरी निजी अस्पतालों में जा रही है। इसी मामले में सोमवार को बीपीएम कौशल शर्मा को जानकारी मिली कि भटपुरा गांव की आशा वर्कर पूनम एक गर्भवती महिला को लेकर सामुदाकयिक स्वास्थ्य केंद्र की बजाए नगर के ही सिटी हास्पिटल में डिलीवरी कराने पहुंची है।
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इसकी जानकारी मिलते ही बीपीएम कौशल शर्मा व बिसौली सीएचसी प्रभारी डा रोहित कुमार सिटी नर्सिंग होम पहुंचे जहां उन्होंने आशा वर्कर पूनम को मौके पर ही पकड लिया। इसके बाद आशा वर्कर के खिलाफ रिपोर्ट सीएमओ बदायूं को भेजी है।
यहां बता दें कि यह पूरा खेल आशा वर्कर एवं अस्पताल में तैनात नर्सों के साथ मिलकर चल रहा है। आशा वर्कर गर्भवती महिला को लेकर सीएचसी पर लेकर आती है। इसके बाद आशा वर्कर एएनएम के साथ अपनी सांठ गांठ करती है। तब एएनएम डिलीवरी को लाई गई महिला के परिजनों को डराती है। वह बताती है कि बच्चा टेढा है या फिर बच्चा उल्टा है या फिर कोई और समस्या है इसके बाद यह दोनों परिजनों को अपने सेटिंग के अस्पताल की जानकारी देकर उस अस्पताल ले जाती हैं। जहां अस्पताल वाला इनको अच्छी खासी रिश्वत की रकम देता है। इस कारण से सीएचसी पर लगातार डिलीवरी की संख्या घट रही है। इस कारवाई से आशा वर्कर व नर्स व निजी अस्पतलों हडकंप मचा हुआ है। यहां बता दें कि नगर में आधा दर्जन से अधिक अस्पताल बने हुए हैं। जिनके पास कोई भी डाक्टर नहीं हैं केवल कुछ अनुभव प्राप्त नर्सें ही डिलीवरी कराती हैं। इन अस्पतालों में कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है लेकिन सीएमओ कार्यालय के सेटिंग से बिना डाक्टरों के अस्पताल खूब फल फूल रहे हैं।
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